नई दिल्ली:  किम जोंग उन दुनिया के ऐसे खतरनाक शासक हैं जिनके डर से अमेरिका भी कांपता है। उत्तर कोरिया का यह शासक अपने पिता की तरह ही रहस्यमयी और खुंखार है। किम जोंग उन ने हाल ही में अमेरिका को धमकाते हुए दक्षिण कोरिया पर परमाणु हमले तक की धमकी दे दी है। इतना ही नहीं, दोनों देशों की सेना अपने अपने देश की सीमा पर युद्ध के लिए तैयार खड़ी है। हम यहां आपको इस खतरनाक नेता के बारे में कई सारी बातें बता रहे हैं।

दुनिया का सबसे खतरनाक शख्स: किम जोंग उन

किम जोंग उन। जी हां, दुनिया उसे इसी नाम से जानती है। अपने पिता और अपने जमाने में दुनिया के सबसे खतरनाक और रहस्यमय माने जाने वाले किम जोंग इल की तीन संतानों में आखिरी संतान हैं किम जोंग उन। दुनिया में सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी होने का दावा करने वाली अमेरिका की सीआईए भी पानी भरता नजर आता है।

उत्तर कोरिया के इस नेता की दुनिया कितनी रहस्मय है इस बात का दावा इस बात से किया जा सकता है कि किम जोंग उन के जन्म के बारे में भी कयास लगते रहते हैं। 30 साल के स्विट्जरलैंड में पढ़ाई करने वाले किम जोंग उन के जन्म तिथि के बारे में कोई 1983 का दावा करता है तो कोई 1984 का। सही-सही किसी को पता नहीं।

किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल ने जब सत्ता संभाली थी, तब भी दुनिया हैरान रह गई थी। इसका कारण यह था कि  तब किम पर्दे के पीछे रहने वाले एक शातिर नेता समझे जाते थे। किम जोंग इल को 2008 में पक्षाघात हुआ था। बीमारी की हालत में दो साल पहले किम जोंग इल ने मृत्यु से पहले ही किम जोंग उन को अपनी सत्ता सौंप दी थी। लेकिन किम जोंग उन के सामने अपने पिता के मुकाबले हमेशा ही कुछ अलग तरह की चुनौतियां रही हैं।

कहा जाता है कि जिस तरह से किम जोंग इल के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी, उसी तरह उनके बेटे और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के बारे में कोई नहीं जानता। पढ़ाई के लिए जोंग उन विदेश चले गए यानी अपने देश का उन्हें वह अनुभव नहीं, जो उनसे पहले उनके पिता या दादा को था। हालांकि किम जोंग उन अपने दिवंगत पिता के चहेते रहे हैं।

किम ने जब सत्ता संभाली तो सबसे पहले अपने चाचा को ताकतवर सैनिक पद पर बिठाया था और उसके बाद अपनी बहन को भी जनरल बना दिया।

जहां तक 30 साल के किम जोंग उन के राजनीतिक करियर का सवाल है, उन्हें अपने देश का ज्यादा तजुर्बा नहीं है। उनके सत्ता संभालने के साथ ही सवाल उठने लगे थे कि 60 से ज्यादा परमाणु हथियारों से संपन्न उत्तर कोरिया क्या इनको सुरक्षित रख पाएगा और क्या सीमा पर अचानक पैदा हो गए तनाव को झेल पाएगा।

बावजूद किम जोंग उन के हक में जो बात रही वह है उनका अंतरराष्ट्रीय आयाम। विदेशों में पढ़ाई करने और पश्चिमी जगत को समझने वाले माने जाते हैं। किम जोंग उन पर देश में क्रांतिकारी बदलाव लाकर उत्तर कोरिया को 21वीं सदी में प्रवेश कराने को लेकर काफी दवाब रहा।

परमाणु हथियारों और पारिवारिक सत्ता के अलावा गरीबी भी उत्तर कोरिया के लिए बड़ी समस्या माना जाता है। अपने जुड़वां देश दक्षिण कोरिया के मुकाबले उत्तर कोरिया का प्रति व्यक्ति आय 17 गुना कम है और पश्चिमी मीडिया के मुताबिक कई घरों में चूल्हा जलाने तक का संसाधन नहीं है।

किंग जोंग इल: पिता भी खतरनाक

किम जोंग उन के पिता किंग जोंग इल की मौत हो चुकी है। उन्हे ना सिर्फ एक तानाशाह के रूप में देखा जाता था बल्कि उनकी गिनती उन कुछ नेताओं में होती है जो तानाशाह होने के बाद भी जनता के बीच लोकप्रिय रहे। कुछ लोग उन्हें आज भी काला जादू का मालिक मानते हैं तो कुछ उन्हें एक रंगीन-मिजाज तानाशाह। अपनी गद्दी और शासन के लिए किंग जोंग ने कुछ ऐसे काम किए कि लोग उनकी मौत के बाद उन्हें सिर्फ नरक का ही उत्तराधिकारी मानते हैं। देश में गरीबी से मर रहे लोग हों या भुखमरी से मर रहे लोग, उन्हें किसी की कोई परवाह नहीं रही। उन्हें अगर किसी की परवाह की तो बस, अपने सैन्य ताकत की।

उत्तर कोरिया के पूर्व शासक किंग जोंग इल का नाम दुनियाभर में अपने कारनामे के लिए कुख्यात रहा है खासकर, अपने जन्मजात दुश्मन देश दक्षिण कोरिया की महिलाओं को जबरन कैदी बनाने के लिए। माना जाता है कि उन्होंने 2000 महिलाओं की एक ऐसी सेना बनाई थी जिसे वह अपने प्लेजर ग्रुप में रखते थे। इनमें से अधिकतर दक्षिण कोरिया की रहने वाली थी जिन्हें जबरन अपहरण कर भर्ती किया जाता था। इन महिलाओं को खुछ खास कामों के लिए भर्ती किया जाता था। पहला सेक्सुअल सर्विस के लिए, दूसरा मसाज और तीसरा डांसिंग और सिंगिंग के लिए।

उत्तर कोरिया का भूगोल

उत्तर कोरिया, आधिकारिक रूप से कोरिया जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य (हंगुल, हांजा) पूर्वी एशिया में कोरिया प्रायद्वीप के उत्तर में बसा हुआ देश है। दुनियाभर में कुख्यात उत्तर कोरिया को दुनिया का सबसे बड़ा 'उस्तरा' भी कहा जाता है। प्योंगयांग उत्तर कोरिया की राजधानी और सबसे बड़ा शहर भी है।

कोरिया प्रायद्वीप के बीच कोरियाई सैन्यविहीन क्षेत्र उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच विभाजन रेखा कहलाती है। उत्तर कोरिया का करीबी साथी चीन उत्तर कोरिया को पड़ोसी भी है। अमनोक नदी और तुमेन नदी उत्तर कोरिया और चीन के बीच सीमा का निर्धारण करती है, वहीं उत्तर-पूर्वी छोर पर तुमेन नदी की एक शाखा रूस के साथ सीमा बनाती है।

उत्तर कोरिया का इतिहास

1905 में रुसो-जापान युद्ध के बाद जापान द्वारा कब्जा किए जाने के पहले प्रायद्वीप पर कोरियाई साम्राज्य का शासन था। सन 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद यह सोवियत संघ और अमेरिका के कब्जे वाले क्षेत्रों में बांट दिया गया। उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ की पर्यवेक्षण में सन 1948 में दक्षिण में हुए चुनाव में भाग लेने से इंकार कर दिया, जिसके बाद दो कब्जे वाले क्षेत्रों में अलग कोरियाई सरकारों का गठन किया गया।

लेकिन उत्तर और दक्षिण कोरिया दोनों ने ही पूरे प्रायद्वीप पर अपनी संप्रभुता का दावा किया। इसी दावे का परिणाम सन 1950 में कोरियाई युद्ध के रूप में सामने आया। सन 1953 में हुए युद्धविराम के बाद लड़ाई तो खत्म हो गई, लेकिन दोनों देश अभी भी आधिकारिक रूप से युद्धरत हैं, क्योंकि शांति संधि पर कभी हस्ताक्षर नहीं किए गए। दोनों देशों को सन 1991 में संयुक्त राष्ट्र में स्वीकार कर लिया गया।